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Full Version: Ambar Ki Ik Paak Surahi : Tribute To Amrita Pritam
Hamara Forums > Music > Sangeet Ke Sitarey
p1j
Noted litterateur PadmaVibhushan Amrita Pritam Passed Away today afternoon. She was 86.
May her soul rest in peace...


गीत : अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
फिल्म : कादम्बरी (1975)
गायिका : आशा भोंसले
गीतकार : अमृता प्रीतम
संगीतकार : उस्ताद विलायत खां


अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चांदनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं,
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की चोली सी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर...

अपना इसमे कुछ भी नहीं है, कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत,
उसको वही तो दी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चान्दनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

sangeetbhakt
QUOTE(p1j @ Oct 31 2005, 12:16 PM) *

Noted litterateur PadmaVibhushan Amrita Pritam Passed Away today afternoon. She was 86.
May her soul rest in peace...


गीत : अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
फिल्म : कादम्बरी (1975)
गायिका : आशा भोंसले
गीतकार : अमृता प्रीतम
संगीतकार : उस्ताद विलायत खां


अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चांदनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं,
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की चोली सी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर...

अपना इसमे कुछ भी नहीं है, कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत,
उसको वही तो दी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चान्दनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

I have loved this song from the first time I heard it. I love the
rhythm of the lyrics and some of the imagery. But I do not
understand it since there are key words I don't understand.
"Kufr", "roz-e-azal", "paak"
Could somebody translate this please?
mmuk2004
QUOTE(sangeetbhakt @ Oct 31 2005, 03:22 PM) *

QUOTE(p1j @ Oct 31 2005, 12:16 PM) *

Noted litterateur PadmaVibhushan Amrita Pritam Passed Away today afternoon. She was 86.
May her soul rest in peace...


गीत : अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
फिल्म : कादम्बरी (1975)
गायिका : आशा भोंसले
गीतकार : अमृता प्रीतम
संगीतकार : उस्ताद विलायत खां


अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चांदनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं,
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की चोली सी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर...

अपना इसमे कुछ भी नहीं है, कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत,
उसको वही तो दी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चान्दनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

I have loved this song from the first time I heard it. I love the
rhythm of the lyrics and some of the imagery. But I do not
understand it since there are key words I don't understand.
"Kufr", "roz-e-azal", "paak"
Could somebody translate this please?



kufr-disbelief (as against faith)
azal-eternity
paak-pure(as, for example, Pakistan)
Anupama
Sad News. A great loss. I am absolutely sad to hear about the demise of Amrita Preetam.
Few days back I was reading her short story - Aam Ka Baur.

"When Sorrow Weeps Over Virtue's Sacred Dust,
Our Tears Become Us, And Our Grief Is Just,
Such Were The Tears She Shed, Who Grateful Pays
This Last Tribute To Her Love, Work And Praise."

May her soul rest in peace.

sandeepsriv
QUOTE(p1j @ Oct 31 2005, 03:16 PM) *

Noted litterateur PadmaVibhushan Amrita Pritam Passed Away today afternoon. She was 86.
May her soul rest in peace...


गीत : अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
फिल्म : कादम्बरी (1975)
गायिका : आशा भोंसले
गीतकार : अमृता प्रीतम
संगीतकार : उस्ताद विलायत खां


अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चांदनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने

कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं,
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की चोली सी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर...

अपना इसमे कुछ भी नहीं है, कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत,
उसको वही तो दी है हमने,
बात कुफ़्र की, की है हमने

अम्बर की एक पाक सुराही, बादल का एक जाम उठा कर
घूंट चान्दनी पी है हमने, बात कुफ़्र की, की है हमने


p1j,

Can you please reupload this.
Thanks a lot
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